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Tuesday, June 26, 2012
Monday, June 25, 2012
फेर बी मैं उसका दर्द समझ
मजनुआ आल्ला अंदाज़ राम न प्यारा होग्या
ब्याह बाद धोलू जद भाईओ न्यारा होग्या
खड़े ट्रक की हवा सी लिकड़गी , ग्रहस्थी की चिंता दिमाग में बडगी
जींस पहरनी छोड़ग्या,चश्मा लगाना छोड़ ग्या
चार दिन में एक ब ढाढ़ी बनान लाग्या
फ़िज़ूल खर्ची त पिंड छुटान लाग्या
सिगरेट की जगह बीडी प आ लिया था
तंगहाली न धोलू पाड़-पाड़ के खा लिया था
किसे क समझ नहीं आवे था, मारे दर्द के सिर पाटता जावे था
घर में बन्नो नहीं उसकी शामत आ री थी,
जो लिपस्टिक पौडर लगाके उसने चिढ़ा री थी
इब रात दिन चिंता में धोलू माड़ा होग्या था,
साच्च्ली बताऊ तो उसके जी न खाड़ा होग्या था
मन्ने तो उसपे बहुत रहम आवे था
पर मेरे रहम त उसके के थ्यावे था
मैं खुद बेरोजगार, कोए मेरा ए कर दो उदार
फेर बी मैं उसका दर्द समझ सकू था
गृहस्थी की हवा सर्द समझ सकू था
न्यारा होवन का दुःख मैं आच्छी दाऊ जाणु सु
बर्तन कौन-कौन से खुडक्या करे,
एक-एक न पिछाणु सु
धोलू तीन-चार दिन पहलया मिल्या तो एकदम उदास लाग्या
उसकी बाता में मन्ने दुनियादारी का अहसास लाग्या
बोल्या- यार बेचैन कमाल होरया स
आलू के भा में बहुत उछाल होरया स
दाल,चीनी- चावल कुछ भी तो सस्ती कोन्या
कोए पूछनिया हो-
इन दुकानदारा के सिवा , के किसे की गृहस्ती कोन्या
अर पहल्या तो राशन इतना महंगा नहीं था,
मैं मन ए मन सोचु, तू पहल्या बाज़ार गया कद था
उसकी बात सुनके मन्ने हांसी आगी थी
गुदी उसकी गृहस्थी क थ्यागी थी
या गुदी उसकी कोए और पकड लेता तो झगड़ा कर लेता
थप्पड़ चार खाता तो, दो उसके आसानी त धर देता
पर इबके तो मामला ए कुछ और था,
धोलू फसग्या र फसग्या
चोगरदू शोर था
यो वोहे धोलू था
जो छोरिया न बाइक प बिठा के घुम्या करदा
अर लव लेटर ज्वाइनिंग लेटर की ज्यू चुम्या करदा
यो वोहे धोलू था,जो बात-बात प पार्टी दिया करता
शराब देसी नहीं हमेशा अंग्रेजी पीया करता
यो वोहे धोलू था जो सिगरेट के कश मारया करता
साबत दिन में ड्रेस एक नहीं चार उतरा करता
पर आज---
आज तो धोलू आशिक नहीं बिचारा होरया स
उसका तो बड़ी मुश्किल त गुज़ारा हो रया स
या फेर न्यू कहू ---
बर्बाद करके धर दिया आशकी न धोलू
न घर न घाट का, कर दिया आशकी न धोलू
इसलिए भाई ओ --- मेरा सारया त सुझाव स
आशकी ना करियो, या छिद्र आली नाव स
इसमे बैठे तो खानदान समेत डूब जाओगे
फेर अपने आप न धोलू की जगह खड़े पाओगे .......
फेर अपने आप न धोलू की जगह खड़े पाओगे .......फेर अपने आप न धोलू की जगह खड़े पाओगे .......फेर अपने आप न धोलू की जगह खड़े पाओगे .......
फेर अपने आप न धोलू की जगह खड़े पाओगे .......
ब्याह बाद धोलू जद भाईओ न्यारा होग्या
खड़े ट्रक की हवा सी लिकड़गी , ग्रहस्थी की चिंता दिमाग में बडगी
जींस पहरनी छोड़ग्या,चश्मा लगाना छोड़ ग्या
चार दिन में एक ब ढाढ़ी बनान लाग्या
फ़िज़ूल खर्ची त पिंड छुटान लाग्या
सिगरेट की जगह बीडी प आ लिया था
तंगहाली न धोलू पाड़-पाड़ के खा लिया था
किसे क समझ नहीं आवे था, मारे दर्द के सिर पाटता जावे था
घर में बन्नो नहीं उसकी शामत आ री थी,
जो लिपस्टिक पौडर लगाके उसने चिढ़ा री थी
इब रात दिन चिंता में धोलू माड़ा होग्या था,
साच्च्ली बताऊ तो उसके जी न खाड़ा होग्या था
मन्ने तो उसपे बहुत रहम आवे था
पर मेरे रहम त उसके के थ्यावे था
मैं खुद बेरोजगार, कोए मेरा ए कर दो उदार
फेर बी मैं उसका दर्द समझ सकू था
गृहस्थी की हवा सर्द समझ सकू था
न्यारा होवन का दुःख मैं आच्छी दाऊ जाणु सु
बर्तन कौन-कौन से खुडक्या करे,
एक-एक न पिछाणु सु
धोलू तीन-चार दिन पहलया मिल्या तो एकदम उदास लाग्या
उसकी बाता में मन्ने दुनियादारी का अहसास लाग्या
बोल्या- यार बेचैन कमाल होरया स
आलू के भा में बहुत उछाल होरया स
दाल,चीनी- चावल कुछ भी तो सस्ती कोन्या
कोए पूछनिया हो-
इन दुकानदारा के सिवा , के किसे की गृहस्ती कोन्या
अर पहल्या तो राशन इतना महंगा नहीं था,
मैं मन ए मन सोचु, तू पहल्या बाज़ार गया कद था
उसकी बात सुनके मन्ने हांसी आगी थी
गुदी उसकी गृहस्थी क थ्यागी थी
या गुदी उसकी कोए और पकड लेता तो झगड़ा कर लेता
थप्पड़ चार खाता तो, दो उसके आसानी त धर देता
पर इबके तो मामला ए कुछ और था,
धोलू फसग्या र फसग्या
चोगरदू शोर था
यो वोहे धोलू था
जो छोरिया न बाइक प बिठा के घुम्या करदा
अर लव लेटर ज्वाइनिंग लेटर की ज्यू चुम्या करदा
यो वोहे धोलू था,जो बात-बात प पार्टी दिया करता
शराब देसी नहीं हमेशा अंग्रेजी पीया करता
यो वोहे धोलू था जो सिगरेट के कश मारया करता
साबत दिन में ड्रेस एक नहीं चार उतरा करता
पर आज---
आज तो धोलू आशिक नहीं बिचारा होरया स
उसका तो बड़ी मुश्किल त गुज़ारा हो रया स
या फेर न्यू कहू ---
बर्बाद करके धर दिया आशकी न धोलू
न घर न घाट का, कर दिया आशकी न धोलू
इसलिए भाई ओ --- मेरा सारया त सुझाव स
आशकी ना करियो, या छिद्र आली नाव स
इसमे बैठे तो खानदान समेत डूब जाओगे
फेर अपने आप न धोलू की जगह खड़े पाओगे .......
फेर अपने आप न धोलू की जगह खड़े पाओगे .......फेर अपने आप न धोलू की जगह खड़े पाओगे .......फेर अपने आप न धोलू की जगह खड़े पाओगे .......
फेर अपने आप न धोलू की जगह खड़े पाओगे .......
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