Sunday, December 2, 2012

गाम्मां की छोरियां

गाम्मां की छोरियां का नया नया यूनिवर्सिटी में ऐडमिसन होए पाछे ये एक सेमेस्टर तो रह्या करें ठीक ....क्योंके एक सेमेस्टर तै इनके बात ए समझ मै ना आया करै अक यो हो के रह्या है.. फेर इनके कुल्मुली उठनी शुरू होज्या हैं . दो तीन कमला बिमला कट्ठी हो कै acording the plan जावेंगी
बाजार मैं . auto मैं तै उतर्तियें सबते पहल्या इन्है दिखैगा गोल्गाप्प्यां आला. फेर इनमे जो सबते modren होगी वा उस धोरे जा गी अर en
glish accent में कह्वेगी ' भैया भैया ...फांच rupees के घोल घप्पे देना...और plzz वो पानी को थोड़ा "गिचौल " लेना . और फेर लक्ष्य की तरफ कूच करेंगी . तडके तै सांझ ताई सारे बजार में काटकड़ तार के आखिर में 300रूपए आली जीन्स और 150 का सुरड़ा हा टॉप ले कै लिक्ड़ेंगी. और फेर चालती हाण उनमे ते एक कह्वेगी 'सिट्ट यार आज का तो पूरा दिन "घुल " गया'. दूसरी कह गी 'मेरे तो गोडों में भी pain शुरू हो गया...उनकी सुन के तीसरी की भी जीभ उठेगी " हाँ यार मेरी भी "पिंडी'ss भड़क " रही हैं . और फेर नए समस्टर के पहले दिन जीन्स पहर कै क्लास में जावेंगी ... और भरी क्लास में जब lacture चाल रया होगा एक दम किलकी मारे गी " ohh माई godd !! मेरी pent पे "भूण्ड" !! दूसरी कह गी ... " तुझे लड़ा तो नहीं " फेर तीसरी मुंह चिकड़ा के कह गी " ये 'भूण्ड'ss तो है ना... इस दुनिया में होने ही नहीं चाहिए .. इनको sense ही नहीं है...................